PM-किसान योजना का उद्देश्य देश भर के सभी भूमिधारक किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे कृषि तथा संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू जरूरतों से संबंधित खर्चों को वहन करने में सक्षम हो सकें।
सरकार ने वर्ष 2020 में "10,000 FPO के गठन और संवर्द्धन" के लिये केंद्रीय क्षेत्रक योजना (CSS) की शुरुआत की। FPO का गठन और संवर्द्धन कार्यान्वयन एजेंसियों (IA) के माध्यम से किया जाता है, जो समूह आधारित व्यापार संगठनों (Cluster Based Business Organizations- CBBO) को 5 वर्ष की अवधि के लिये पेशेवर हैंडहोल्डिंग समर्थन (Professional Handholding Support) प्रदान करने के लिये संलग्न करती है, जिसमें संबंधित FPO की व्यवसाय योजना की तैयारी और निष्पादन भी शामिल है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जुलाई 2020 में 1 लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया था। AIF, क्रेडिट गारंटी और ब्याज अनुदान के माध्यम से सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों एवं फसल की कटाई के बाद कृषि प्रबंधन की सतत परियोजनाओं में निवेश की एक मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण सुविधा है।
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2020 में आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में पेश किया गया था। इसके कार्यान्वयन का उद्देश्य समग्र रूप से वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन को आगे बढ़ाना और मीठी क्रांति के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे पाम ऑयल की खेती को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2021 में शुरू किया गया था। इसे मूलतः उत्तर-पूर्वी राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीपों पर ध्यान केंद्रित करने तथा खाद्य तेलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये शुरू किया गया था। यह अभियान वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक संचालित किया जाएगा, जो अगले 5 वर्षों में पाम ऑयल वृक्षारोपण के अंतर्गत उत्तर-पूर्वी राज्यों के 3.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल और शेष भारत के 3.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल अर्थात कुल 6.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को कवर करेगा।