वैश्विक खाद्य कीमतों में गिरावट: मई 2025 की रिपोर्ट

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वैश्विक खाद्य कीमतों में गिरावट: मई 2025 की रिपोर्ट

मई 2025 में वैश्विक खाद्य कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट देखने को मिली है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने अपनी मासिक रिपोर्ट में बताया कि अनाज, चीनी, और खाद्य तेलों की कीमतें घटी हैं। इन गिरती कीमतों का प्रभाव न केवल उपभोक्ताओं पर पड़ा है, बल्कि वैश्विक बाजारों और उत्पादकों के लिए भी इसका विशेष महत्व है। आइए इस गिरावट के कारणों और इसके असर पर विस्तार से चर्चा करें।

खाद्य कीमतों में गिरावट का परिप्रेक्ष्य

FAO द्वारा प्रकाशित खाद्य मूल्य सूचकांक (Food Price Index) में मई 2025 के दौरान कुल मिलाकर गिरावट दर्ज की गई। यह सूचकांक वैश्विक बाजारों में व्यापार की जाने वाली प्रमुख खाद्य वस्तुओं की मासिक कीमतों की गणना करता है। मई में यह सूचकांक पिछले महीने की तुलना में कम हुआ, जो गिरती वैश्विक मांग, आपूर्ति में स्थिरता, और कुछ प्रमुख वस्तुओं की उत्पादन वृद्धि को दर्शाता है।

ज्ञात हो कि इस गिरावट के पीछे अनाज, चीनी और खाद्य तेल की कम कीमतें मुख्य भूमिका निभा रही हैं। इन वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का वैश्विक खाद्य बाजार में व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है।

गिरावट का विश्लेषण

1. अनाज की कीमतों में गिरावट

अनाज की कीमतें, विशेषकर गेहूं और मक्का, में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। इसकी एक प्रमुख वजह रूस और यूक्रेन जैसे उत्पादन के बड़े क्षेत्रों में निर्यात की बहाली है। साथ ही, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण एशिया में बेहतर उत्पादन स्तर ने वैश्विक आपूर्ति को स्थिर रखा। आपूर्ति के बढ़ने से कीमतों पर दबाव पड़ा, जिससे यह घट गईं।

2. चीनी की घटती कीमतें

चीनी की कीमतें भी बड़ी गिरावट की प्रवृत्ति दिखा रही हैं। यह गिरावट मुख्यतः प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों ब्राज़ील और भारत में बेहतर मौसम स्थितियों के कारण हुई है। नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक बेहतर फसल सीजन ने वैश्विक चीनी उत्पादन में तेजी लाई। साथ ही, कुछ देशों में चीनी पर आयात शुल्क घटाने जैसे नीतिगत बदलावों ने भी कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव डाला।

3. खाद्य तेल की सस्ती दरें

पाम तेल, सोयाबीन तेल, और सूरजमुखी तेल की कीमतों में गिरावट का सीधा कारण इनकी बेहतर उत्पादन दर है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों, जैसे दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण अमेरिका, में उत्पादन स्तर बढ़ने से वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की आपूर्ति अच्छी रही। इसके अतिरिक्त, जैव-ईंधन की मांग में कमी ने भी इन तेलों की कीमतों को नीचे ला दिया।

गिरावट के संभावित कारण

मूल्य गिरावट के कई कारक सामने आए हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  • ऊर्जा कीमतों में कमी: तेल और गैस की वैश्विक कीमतें गिरने से उत्पादन और परिवहन लागत में कमी आई है, जिसका असर खाद्य वस्तुओं पर भी पड़ा।

  • भंडारण की बेहतर योजना: कई देशों ने खाद्य भंडारण में सुधार किया है, जिससे वैश्विक मांग को आसानी से पूरा किया जा सका।

  • जलवायु परिस्थितियों में सुधार: प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में अनुकूल मौसम स्थितियों ने बेहतर फसल का मार्ग प्रशस्त किया।

  • भूराजनीतिक स्थिरता: रूस और यूक्रेन के बीच निर्यात में स्थिरता आने से वैश्विक आपूर्ति बढ़ी है।

विभिन्न हितधारकों पर असर

1. उपभोक्ताओं को राहत

सस्ती खाद्य वस्तुओं से वैश्विक उपभोक्ताओं को बड़ा लाभ मिला है। विकासशील देशों में, जहां खाद्य महंगाई एक बड़ी समस्या है, इस गिरावट ने परिवारों के बजट को स्थिर किया है।

2. वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

वैश्विक व्यापार पर भी इस गिरावट का प्रभाव गहरा है। निर्यात पर निर्भर देशों को अपने राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, आयात पर निर्भर देशों को इसका विपरीत फायदा मिलेगा।

3. कृषि उत्पादकों की मुश्किलें

इस गिरावट ने उत्पादकों को चिंतित कर दिया है। उत्पादन लागत और कम आय के कारण छोटे किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति रोजगार पर भी प्रभाव डाल सकती है, विशेष रूप से कृषि प्रधान क्षेत्रों में।

भविष्य की संभावनाएं

वैश्विक खाद्य कीमतों में गिरावट लंबे समय तक बनी रहेगी या नहीं, यह कई कारकों पर निर्भर करेगा। इनमें प्रमुख हैं:

  • जलवायु में आने वाले बदलाव,

  • वैश्विक आर्थिक स्थितियां,

  • भूराजनीतिक तनाव।

यदि ये कारक सकारात्मक बने रहते हैं, तो कीमतों में स्थिरता या और गिरावट संभव है।

मई 2025 में वैश्विक खाद्य कीमतों में आई गिरावट कई पहलुओं से महत्वपूर्ण है। यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है, बल्कि वैश्विक बाजार के संतुलन को भी रेखांकित करती है। हालांकि, उत्पादकों के लिए यह एक चिंता का विषय है। दुनियाभर की सरकारों और वैश्विक संगठनों को इस स्थिति का सावधानीपूर्वक आकलन करना होगा ताकि हर वर्ग का संतुलित विकास सुनिश्चित हो सके।

मई 2025 में वैश्विक खाद्य कीमतों में बड़ी गिरावट - Khetikyari